लक्ष्मी प्राप्ति के 151 सरल उपाय
Article courtesy: GURUTVA JYOTISH Monthly E-Magazine November-2018
लेख सौजन्य: गुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018)
आज के भौतिक युग में हर व्यक्ति की चाह होती हैं की उसे अधिक से अधिक धन-संपत्ति एवं ऐश्वर्य प्राप्त हो। हर व्यक्ति अपनी धन-संपत्ति को दिन दोगुनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ाना चाहते हैं, इसलिए व्यक्ति लक्ष्मी प्राप्ति हेतु विभिन्न मंत्र, यंत्र एवं तंत्र के प्रयोगो को अपना कर लक्ष्मी कारक विभिन्न सामग्रीयों को अपने घर, दुकान, ऑफिस आदि व्यवसायीक स्थान पर स्थापित कर उसका पूजन-अर्चन करते हैं। जिन लोगों ने लक्ष्मी प्राप्ति के लिए अपने घर में सुख समृद्धि कारक विभिन्न दुर्लभ सामग्रीयां जैसे श्रीयंत्र, दक्षिणावर्ति शंख इत्यादि सामग्री को अपने घर में पहले से स्थापित कर उसका नियमित पूजन-अर्चन कर रहे हो, उन्हें अधिक लाभ की प्राप्ति हेतु लक्ष्मी प्राप्ति के अन्य सरल उपायों को भी अपने जीवन में अवश्य आजमाना चाहिए अथवा जिन लोगों ने इन लक्ष्मी कारक दुर्लभ वस्तुओं को अभी तक अपने घर में को स्थापित नहीं किया हैं या वह लोग इस सामग्रीयों को स्थापित करने में असमर्थ हैं, उन लोगों को लक्ष्मी प्राप्ति हेतु यहां दिये गये अनुभूत उपायो को अपनाकर जीवन में निश्चित रुप से सुख-समृद्धि एवं ऐश्वर्य प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए एवं इन उपायों से लाभ की प्राप्ति होने पर विभिन्न दुर्लभ वस्तुओं को प्राप्त कर अपने घर में अवश्य स्थापित कर उसना नियमित पूजन-अर्चन करना चाहिए।
दीपावली के शुभ मुहूर्त में धन प्राप्ति के विशेष उपायों को प्रारंभ कर निश्चित रुप से अपने जीवन में धन-वैभव, सुख-समृद्धि का आगमन किया जा सकता हैं।
पाठको के मार्गरशन हेतु लक्ष्मी प्राप्ति के सरल उपायों को 3 भागों में दिया गया हैं, जो क्रमश: दीपवली पर करें धन प्राप्ति हेतु विशेष उपाय, दैनिक जीवन में अपनाये लक्ष्मी प्राप्ति के सरल उपाय और दरिद्रता निवारण हेतु विशेष उपाय हैं।
दीपावली पर किये जाने वाले उपायों को आवश्यक्ता अनुसार अन्य शुभ मुहूर्त एवं अवसरों पर किया जा सकता हैं। विद्वानों का अनुभव हैं की इन दीपावली पर्व पर किये जाने वाले धन प्राप्ति के उपायों को दीपावली पर करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती हैं।
दीपवली पर करें धन प्राप्ति हेतु विशेष उपाय
दीपवली पर करें धन प्राप्ति हेतु विशेष उपाय में दिये गयें सभी उपायों विशेष रुप से अक्षय तृतीया, धनत्रयोदशी, दीपावली आदि विशेष मुहूर्त करना चाहिए।
1. दीपावली पूजन के बाद शंख ध्वनि से दरिद्रता दूर होकर लक्ष्मी का निवास होता हैं।
2. दीपावली पूजन में अभिमंत्रित हकीक का पूजन कर उसे धारण करने से धारण कर्ता की आर्थिक स्थिती में सुधार होने लगता हैं।
3. दीपावली पूजन में अभिमंत्रित हकीक का पूजन कर उसे उसे अपने गल्ले (कैश बॉक्स), तिजोरी मनी पर्स में रखने से धन संचय होने लगता हैं एवं धन की वृद्धि होती हैं।
4. धन-संपत्ति की प्राप्ति हेतु अपने व्यवसायीक स्थान या घर की पूजा स्थान में गणेश लक्ष्मी यंत्र अवश्य स्थापित करें।
5. धनतेरस के दिन पीसे चावल का घोल व हल्दी, केसर को मिलाकर उसके घोल से घर में मुख्य द्वार पर ॐ लिखने से नियमित धन का आगमन होता हैं। इस प्रयोग को पुनः अगले वर्ष धनतेरस के दिन इस प्रयोग को पुनः दोहराये।
6. अपार धन-संपत्ति की कामना रखने वाले व्यक्ति को श्रीयंत्र, गणेश लक्ष्मी यंत्र, कनकधारा यंत्र और कुबेर यंत्र का पूजन अवश्य करना चाहिए। विद्वानों का अनुभव हैं की इन यंत्र को पूजन करने वाला मनुष्य को कभी धन का अभाव नहीं होता।
7. दीपावली पूजन में मां लक्ष्मी को पूजा में 11 अभिमंत्रित पीली कौड़ियां अर्पण करें, दूसरे दिन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपने गल्ले या तिजोरी में रखने से धन की वृद्धि होने लगती है।
8. दीपावली के दिन प्रातः किसी भी लक्ष्मी मंदिर या लक्ष्मी नारायण मंदिर में मां लक्ष्मी को लाल रंग की चुनरी या वस्त्र चढ़ाने से आर्थिक स्थिती प्रबल हो जाती हैं एवं धन की कमी नहीं रहती।
9. दीपावली के दिन पूजन में लक्ष्मी मंत्र का जप कमल गट्टे से करे एवं मां लक्ष्मी को कमल का फूल चढ़ाने से मांलक्ष्मी की विशेष कृपा होती हैं।
10. दीपावली के दिन मां लक्ष्मी को सफेद मिष्ठान का भोग लगाकर उसे गरीबों को बांटने से पुराने कर्ज से जल्द राहत मिलती हैं।
11. दीपावली के दिन इमली के पेड़ की टहनी का टुकड़ा अपने गल्ले या तिजोरी में रखने से धन संचय होता है।
12. दीपावली के दिन सायंकाल सूर्यास्त से कुछ पल पूर्व बरगद की जटा में एक गांठ बांध देने से आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बनते हैं, धन प्राप्ति के बाद उस बांधि हुई गांठ को खोल देना चाहिए।
13. दीपावली के दिन दोपहर के समय पीपल की जड़ में दूध, घी और मिश्री (चीनी) मिलाकर ड़ालने से विशेष रुप से धन लाभ का योग बनता हैं।
14. दीपावली के अगले दिन मिट्टी के दीपक में मीठे तेल का दीया मुख्य द्वार पर रखने से घर में निरंतर सुख समृद्धि बढ़ती रहेगी।
15. दीपावली के दिन संध्या समय में पीपल के पेड़ के नीचे सात दीपक प्रज्वलित करके पीपल के वक्ष की सात बार परिक्रमा करने से आर्थिक संकटों का निवारण हो जाता हैं।
16. दीपावली के दिन मिट्टी के बर्तन में शहद भर कर उसे उपर से ढंक कर किसी सुनसान विरान स्थान में गाढ़ दें। इस प्रयोग से सभी प्रकार के आर्थिक संकटों का निवारण हो जाता हैं।
17. दीपावली के दिन प्रातःकाल मां महालक्ष्मी को तुलसी के पत्तो से बनी माला अर्पित करने से धन की वृद्धि होती हैं।
18. दीपावली के दिन काली हल्दी को 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चै।' मंत्र का 108 बार जाप करके काली हल्दी को परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर से घुमाकर घर से बाहर दक्षिण दिशा में फेंक दें, इस प्रयोग से धन की वृद्धि होती हैं एवं शत्रु द्वारा उत्पन्न पीड़ाएं भी शांत हो जाती हैं।
19. दीपावली की संध्या को पीपल के पेड़ के नीचे एक साबूत सुपारी व एक ताबें का सिक्का रख कर उसे पर हल्दी एवं कुमकुम लगा कर रख दें। रविवार को उसी पेड़ के पीपल का एक अखंडित पत्ता लाकर अपने कार्य स्थल पर गद्दी के नीचे या गद्दी के पास रख ने से निरंतर व्यापार में वृद्धि होती हैं।
20. पौराणिक कथाओं के अनुसार मां महालक्ष्मी समुद्र की पुत्री हैं, समुद्र से उत्पन्न दक्षिणावर्ती शंख, मोती शंख एवं गोमती चक्र इत्यादि समुद्र से प्राप्त होने वाली सामग्रीयां लक्ष्मी के सहोदर हैं, अतः लक्ष्मी पूजन के समय इन सामग्रीयों को घर में स्थापित करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती हैं।
21. धन हानी से बचाव के लिए अपने गल्ले में या तिजोरी में लक्ष्मी मंत्र का 108 बार जप करके हुवे काली गुंजा के 7 या 11 दाने डाल दें। इस प्रयोग से व्यवसायीक हानी दूर हो जायेगी और लाभ की स्थिती बनने लगेगी।
22. धन हानी से बचाव के लिए दीपावली की रात को एक मुठ्ठी काले तिल परिवार के सदस्यों के सिर पर से 7 बार उतार कर घर से पश्चिम दिशा में फोंक ने से आर्थिक हानी से रक्षा होती और धन लाभ प्राप्त होता हैं।
दैनिक जीवन में अपनाये लक्ष्मी प्राप्ति के सरल उपाय
दैनिक जीवन में अपनाये लक्ष्मी प्राप्ति में दिये गयें सभी उपाय विशेष प्रभावशाली एवं अनुभूत हैं इन उपायों को साधारण से साधारण व्यक्ति भी अपने दैनिक जीवन में अपना कर निश्चित रुप से धन वैभव एवं ऐश्वर्य प्राप्त कर सकते हैं, इस में जरा भी संदेह नहीं हैं।
1. प्रातः उठते ही हस्तदर्शन (प्रातः कर दर्शनम्) कर दोनों हथेलियों को 2-3 बार मुंह पर फेरना चाहिये।
2. जब भी किसी कार्य से बाहर निकले तो घर पर आते समय कुछ ना कुछ साथ लेकर ही आए खाली हाथ नहीं आए चाहे पेड का पत्ता-अखबार या जीवन जरुरत कि वस्तुएं लेकर आयें। (सूर्यास्त के बाद में पेड के पत्ते तोडना हानी कारक होता हैं।)
3. धन या व्यापार से संबंधीत लेन-देन के खाते पर या पत्र व्यवहार करते समय हल्दी या केशर लगायें।
4. गल्ले में, पैसे के लेन-देन से संबंधित, चैक बुक-पासबुक, पूंजी निवेश से संबंधित कागजात इत्यादि श्री यंत्र के साथ में रखें।
5. प्रतिदिन भोजन के लिए बनी पहली रोटी गाय को खिलाये।
6. शुक्रवार को सफेद वस्तुओं का दान करने से धन योग बनता हैं।
7. प्रात : काल नाशता करने से पूर्व झाडू अवश्य लगाये।
8. रात को झूठे बर्तन, कचरा इत्यादि रसोई में नहीं रखे।
9. प्रतिदिन संध्या समय घर पर पूजा नियत समय पर करे।
10. नियमित रुप से शनिवार के दिन घर कि साफ़-सफाई करें।
11. रुपया पैसा धन को थूक लगाकर गिनने से दरिद्रता आती हैं।
12. बुधवार को धन का संचय करें। बैंक में धन जमा करवाते समय लक्ष्मी मंत्र जपा करे।
13. घर में किसी भी देवी देवता कि एक से ज्यादा तस्वीर, मूर्ति पूजा पर स्थान नहीं रखे।
14. जरुरत मंद व्यक्ति, गरिबो को यथासक्ति मदद कर उन्हें दान इत्यादि समय-समय पर देते रहें।
15. पुरानी, रद्दी भंगार इत्यादि शनिवार के दिन घर से बाहर निकाल देनी चाहिये और जो पैसा मिले उससे घर के लिए स्टिल के बरतन खरिदना अधिक लाभप्रद होता हैं। यदि बर्तन का मूल्य अधिक हो तो उस में अलग से पैसे जोड कर खरीदे जा सकते हैं
16. शनिवार के दिन काले रंग कि वस्तु, स्टील, लोहा इत्यादि उपहार में नहीं लेनी चाहिये।
17. किसी कर्य के लिये जाते समय खाली पेट कभी भी घर से ना निकले। कार्य में बाधा विघ्न आते हैं, असफलता प्राप्त होती हैं।
18. मंगलवार, गुरुवार, शनिवार को बाल-नाखून नहीं काटने चाहिये।
19. स्थिर लक्ष्मी कि कामना हेतु रुपया-पैसा-हीरे जवाहरात पीला कपडा बिछाकर या पीले कपडे में लपेटकर रखें।
20. वर्ष में कम से कम एक बार परिवार के साथ तीर्थ यात्रा अवश्य करें। परिवार के साथ किसी देवी मेंदिर महिने में कम से कम एक बार में अवश्य जाये।
21. सूर्योदय के समय यदि घर की छत पर काले तिल बिखेरने से घर में सुख समृद्धि होती हैं।
22. अशोक का पेड़ लगाकर उसको सींचने से धन में वृद्धि होती हैं।
23. सुबह मुख्य दरवाजे के बाहर से झाडू से सफाई करके थोडा पानी छिड़क ने से घर में धन कि वृद्धि होती हैं।
24. प्रति सोमवार, बुधवार, शुक्रवार अशोक वृक्ष के अखंडित पत्ते घरमें लाकर शुद्ध जल या गंगाजल से धोकर लाल कपडेसे पोछकर घर में या व्यवसायीक स्थान पर रखने से धनलाभ होता हैं।
25. प्रति सोमवार के दिन अशोक वृक्ष के अखंडित पत्ते लाकर शुद्ध जल या गंगाजल से धोकर लाल कपडे से पोछकर दुकान में या व्यवसायीक स्थल पर माल सामान रखने कि जगह पर रखने से व्यापर में वृद्धि होती हैं।
26. प्रति बुधवार के दिन अशोक वृक्ष के अखंडित पत्ते लाकर शुद्ध जल या गंगाजल से धोकर लाल कपडेसे पोछकर अलमारी, गल्ले में या धन रखने के बक्से में रखने से धन बृद्धि होती हैं।
27. अशोक के मूल की जड़ का एक टुकड़ा पूजा घर में रखने और रोजाना धूप-दीप से पूजन करने से धन कि कमी नहीं होती।
28. तिजोरी के लॉकर में हमेशा दो बॉक्स रखें। एक में रोजाना कुछ रूपये रख कर बंद कर दें, उसमें से रूपये नहीं निकालें या अत्याधिक आवश्यकता होने पर निकाले। दूसरे बॉक्स में से काम के लेन-देन के लिए रूपए निकालें।
29. प्रतिदिन आमदनी का कलेक्शन दूसरे दिन स्वयं के खर्चे के लिये या किसी व्यापारी को चुकाने हेतु निकाले। आमदनी या कलेक्शन को कम से कम 24 घंटे के बाद ही खर्च के लिये निकालने से अत्याधिक धन लाभ होता हैं।
30. जो लोग नौकरी करते हैं वह भी अपना पैसा बैंक में जमा होने के या घर में लाने के 24 घंटे के बाद ही खर्च के लिये निकाले तो उन्हें अत्याधिक धन लाभ होता हैं।
दरिद्रता निवारण हेतु विशेष उपाय
दरिद्रता निवारण को भी दो भाग में बांटा गया हैं एक में दरिद्रता आने के कारण और दूसरे भाग में दरिद्रता मुक्त के सरल उपाय दिये गये हैं।
क्यों आती हैं दरिद्रता ?
1. प्रतिदिन देर उठने से दरिद्रता आती हैं।
2. घर का सारा कचरा झाडू लगाकर एक कोने में समेट कर रखने से आती हैं। कचरे को घर से बाहर फेक दें।
3. संध्या समय घरमें दीपक नहीं जलाने से दरिद्रता आती हैं।
4. गुरुवार के दिन बाल-दाढीं(हजामत) काटने से निर्धनता आती हैं।
5. दीप से अगरबत्ती जलाने से दरिद्रता आती हैं। (अगरबत्ती अलग माचिस से जलाये)
6. गुरुवार के दिन भोजन में मांसाहार खाने से दरिद्रता आती हैं।
7. गुरुवार के दिन धोबी को कपड़े धोने के लिये देने से दरिद्रता आती हैं।
8. गुरुवार के दिन पीली मिट्टी से बाल धोने से निर्धनता आती हैं।
9. सूर्यास्त होने के बाद घर में झाड़ू लगाने से घर में दरिद्रता आती हैं।
10. अर्द्धवृत्ताकर (अर्ध गोलाकार) भूखंड या भवन के स्वामित्व से दरिद्रता प्राप्त होती हैं।
11. गुरु का दिया गये मंत्र के त्याग करने से व्यक्ति दरिद्र हो जाता हैं।
12. गुरु से कपट व मित्र से चोरी करने से दरिद्रता आती हैं।
13. कपड़े के आसन पर बैठ कर पूजा-पाठ मंत्र जप अनुष्ठान इत्यादि करने से दरिद्रता आती हैं।
14. पत्थर एवं मिट्टी के बर्तनों में भोजन करने से निर्धनता आती हैं।
15. भोजन और दूध को बिना ढके रखने से निर्धनता आती हैं।
16. घर में सुबह झाडू-बुहारी करके साफ नहीं करने से निर्धनता आती हैं।
17. इन्द्रियों को संयम में नहीं रख कर परस्त्री एवं परधन कि कामना करने से निर्धनता आती हैं।
18. इश्वर में श्रद्धा नहीं रखने से व्यक्ति दरिद्र हो जाता हैं।
19. दिनमें अकारण सोने से घर में दरिद्रता आती हैं।
20. रोग से पीडित व्यक्तियों को सांत्वना देने के बजाय उपहास करने से निर्धनता आती हैं।
21. जरा-जरा बात में खिन्न होने वाले जरा-जरा बात में अपने वचनों से मुकर ने वाले व्यक्ति दरिद्र हो जाता हैं।
22. छल-कपट और स्वार्थ का आश्रय लेकर, दूसरों के शोषण का आश्रय लेकर धन प्राप्त करने से निर्धनता आती हैं। उसके पास धन आ सकता है परन्तु उसके पास धन महालक्ष्मी नहीं आ सकती।
23. जूठे मुँह रहने से दरिद्रता आती हैं।
24. मैले-कुचैले-फेटेहुए कपड़े पहनने से निर्धनता आती हैं।
25. दीन-दुःखियों को सताने से निर्धनता आती हैं।
26. माता-पिता के आशिर्वाद नहीं लेने से निर्धनता आती हैं।
27. धर्म, शास्त्र और संतों कि निंदा करने से व्यक्ति दरिद्र हो जाता हैं।
28. घी को जूठे हाथ से छूने से निर्धनता आती हैं।
29. जूठा हाथ सिर पर लगाने से निर्धनता आती हैं।
30. जूठे मुँह शुभ वस्तुओं का स्पर्श करने से दरिद्रता आती हैं।
31. मंगलवार को ऋण लेने से दरिद्रता आती हैं।
32. पापकर्म में रत रहने से निर्धनता आती हैं।
33. कठोर-कडक वचनो का प्रयोग करने से निर्धनता आती हैं।
34. बडे-बुजुर्गो का अनादर करने से उनकी बात नहीं मानने से निर्धनता आती हैं।
35. जो स्त्री-पुरुष अपने पति-पत्नी को दबाकर रखने कि इच्छा रखने से निर्धनता आती हैं।
36. वासी फूल का उपयोग करने से निर्धनता आती हैं।
37. दुर्गंध युक्त स्थान पर अधिक लोगो के साथ में सोने से निर्धनता आती हैं।
38. फटा-टूटा आसन का उपयोग करने से निर्धनता आती हैं।
39. स्मशान कि चिता के अंगारे, अस्थि, भस्म, गाय, कपास(रुई), पूज्य एवं गुरु जन, ब्राह्मण को पैर लगाने से निर्धनता आती हैं।
40. अपने एक पैर को दूसरे पैरसे घीसने से दबाने से निर्धनता आती हैं।
41. जिस जल में नाखून या बाल गिरे हों उस जल का सेवन या स्पर्श करने से निर्धनता आती हैं।
42. चतुर्दशी एवं अमावस्या के दिन शारीरिक सुख भोगने से निर्धनता आती हैं।
43. बिना वस्त्र के सोने से निर्धनता आती हैं।
44. कचरा निकालते वक्त उडने वाली धुक का स्पर्श शरीर को होने से दरिद्रता आती हैं। (झाडू लगाते वक्त सावधानी बरते जेसे धूल का स्पर्श आपके शरीर को नहों)
45. बैठे-बैठे खुरशी-टेबल-पलंग इत्यादि पर बिना वजह से बजाने (ढोल जेसे) से निर्धनता आती हैं।
46. अपने शरीर पर बिना वजह से बजाने (ढोल जेसे) से निर्धनता आती हैं।
47. स्नान करने से उपरांत शरीर पर तेल लगाने से निर्धनता आती हैं। (स्नान से पूर्व तेल लगाले)
48. अपने पैर कि एडी का मस्तक पर स्पर्श करने से निर्धनता आती हैं।
49. अंधेरे कमरे में सोने से निर्धनता आती हैं। (कमरे में थोडी से रोशनी जरुर रखे)
50. रात्री काल मे धारण करने वाले वस्त्र दिन में धारण करने से निर्धनता आती हैं।( रात में एवं दिन में धारण करने वाले कपडे अलग-अलग रखें। दिन के रात में एवं रात के दिन में कभी नहीं पहने)
51. वासी एवं शुष्क भोजन खाने से दरिद्रता आती हैं।
52. शुक्रवार एवं अमावस्या के दिन तेल-गंध-द्रव्य को शरीर पर लागने से दरिद्रता आती हैं।
53. अपने बाएं हाथ से माता का स्पश करने से दरिद्रता आती हैं। ( यदि स्पर्श करे तो दोनो हाथो से करें केवल बाएं हाथ से स्पर्श न करें।)
54. अपवित्र अवस्था में सूर्य-चंद्र-तारों का दर्शन करने से निर्धनता आती हैं।
55. सूर्यास्त का दर्शन करने से निर्धनता आती हैं।
56. परस्त्री-परपुरुष को नग्न अवस्था में देखने से निर्धनता आती हैं।
57. पर धन,स्त्री, संपत्ति कि इच्छा करने से दरिद्रता आती हैं।
58. नाखून, काटे, खून, मिट्टी, कोयला या पानी से भूमि पर अनावश्यक लेखन-चित्रण करने से दरिद्रता आती हैं।
59. स्वयं माला गूंथ(माला बना) कर स्वयं धारण करने से दरिद्रता आती हैं।
60. स्वयं चंदन घीस कर स्वयं लगाने से दरिद्रता आती हैं। (किसी और से घीसवाकर लगाये)
61. ब्राह्मण कि निन्दा करने से दरिद्रता आती हैं।
62. बेठे-बेठे या सोते हुए दोनो पैरो को बिना वजह हिलाने-नचाने से दरिद्रता आती हैं।
63. भोजन के बाद तुरंत दातुन करने से दरिद्रता आती हैं।
64. अन्य का झुठा अन्न खाने से दरिद्रता आती हैं।
65. अपने इष्ट का त्याग कर अन्य के इष्ट में आस्था रखने से दरिद्रता आती हैं।
66. पर स्त्री-पुरुष कि सेवा कर के अपने परिवार के लोगो को कष्ट देने से दरिद्रता आती हैं।
67. परिश्रम-पुरुषार्थ से खिन्न होने वाले व्यक्ति कि सहायता करने से दरिद्रता आती हैं।
68. अयोग्य मनुष्य को दान देन या सहायता करने से दरिद्रता आती हैं।
69. प्रतिपदा को गृहारम्भ करने से दरिद्रता आती हैं।
70. घर का द्वार आध्मात (फूला हुआ) होनेपर दरिद्रता आती हैं।
71. मुख्य द्वारके ऊपर द्वार और द्वारके सामने (आमने-सामने) द्वार होने से दरिद्रता आती हैं।
72. भवन में ईशान, आग्नेय व पश्चिममें ऊँची और नैऋत्य नीची भूमि होने से दरिद्रता आती हैं।
73. मुख्य द्वारके सामने दीवार या बावड़ी होनेसे दरिद्रता होती है ।
74. नल से पानी टपकते रहने से दरिद्रता आती हैं, पानी का अपव्यय होने से वरुण देव का श्राप लगता हैं।
75. संध्या समय भोजन और पढ़ने से धन नाश होता हैं।
76. देवी-देवताओं पर चढ़ाये गये फूल या हार के सूखने पर भी घर में रकखने से दरिद्रता आती हैं। ( फूल-हार हो किसी प्लास्टीक बैग में भरकर रख दें फिर उसे एक-दो माह में बार इकठ्ठे बहते जल में विसर्जित करदें।)
77. टूटा-फूटा फर्नीचर, बर्तन, कांच, फटे हुए कपड़े रखने से दरिद्रता आती हैं।
78. घर कि दिवारो पर, फर्श पर पेन, पैंसिल,चाक इत्यादि से लिखना-चित्रकारी करने से दरिद्रता आती हैं।
दरिद्रता निवारण के सरल उपाय
1. प्रतिदिन प्रात: जल्दी उठ कर इष्ट आराधना करने से दरिद्रता दूर होती हैं।
2. गुरुवार के दिन घर में गाय के गोबर का लेपन आदि करने से दरिद्रता दूर होती हैं।
3. गुरुवार के दिन पीली वस्तु का भोजन करने से दरिद्रता दूर होती हैं।
4. दान-पुण्य इत्यादि कर्म करते रहने से दरिद्रता दूर होती हैं।
5. प्राण-प्रतिष्ठित सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से दरिद्रता से मुक्ति मिलती हैं।
6. घर में प्राण-प्रतिष्ठित प्राण-प्रतिष्ठित दक्षिणावर्ती शंख कि घरमें स्थापना से लक्ष्मी का स्थायी वास होता हैं, शत्रुओं से रक्षा होती है, रोग, ॠण, अज्ञानता एवं दरिद्रता से शीघ्र मुक्ति मिलती हैं।
7. घर में प्राण-प्रतिष्ठित विष्णु शंख (श्वेत रंग का शंख) स्थापित करने से एवं नित्य पूजन करने से दरिद्रता दूर होती हैं।
8. श्री सूक्त का पठन करने से भी दरिद्रता से मुक्ति मिलती हैं।
9. श्री सूक्त कि ऋचाओं का श्रवण या पठन करके नियमित हवन करने से विभिन्न कष्ट दूर होकर ऐश्वर्य प्राप्ति होती हैं। लक्ष्मी जी कि कृपा प्राप्त होने से दुःख, दरिद्रता, रोग, कष्ट, कर्ज से स्वतः मुक्ति मिलती हैं।
10. मान्यता हैं कि दीपावली के दिन जल में तथा तेल में लक्ष्मी का वास होता हैं। इस लिये दीपावली के दिन शरीर पर तेल कि मालिश करके जल (गंगा स्नान या जल में गंगाजल जल मिलाकर) से स्नान करने से दरिद्रता से मुक्ति मिलती हैं।
11. कनकधारा स्तोत्र के पाठ के पठन एवं श्रवण से दरिद्रता से मुक्ति मिलती हैं।
12. कनकधारा यंत्र को दरिद्रता का नाश करने हेतु रामबाण माना जाता हैं इस लिये कनकधारा यंत्र कि आराधना करने से दरिद्रता से मुक्ति मिलती हैं।
13. दुर्गा बीशा यंत्र के पूजन से भी दरिद्रता का नाश होता हैं।
14. माह कि दोनों संकट चतुर्थी के नियमित व्रत से दरिद्रता का नाश होता हैं।
15. लक्ष्मी गणेश यंत्र के पूजन से दरिद्रता का नाश होता हैं।
16. श्रीयंत्र के पूजन से दरिद्रता का नाश होकर भौतिक सुख, शांति व सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं।
17. पारद श्री यंत्र या शिवलिंग का पूजन दरिद्रता से मुक्ति दिलाता हैं।
18. लक्ष्मी यंत्र या अष्ट लक्ष्मी यंत्र के पूजन से दरिद्रता का नाश होता है।
19. रामायण कि निम्न चौपाइ का पाठ करने से दरिद्रता का नाश होता हैं।
चौपाइ
अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के।
कामद धन दारिद दवारिके ॥
20. बृहस्पति ग्रह का रत्न सुनेला धारण करने से दरिद्रता दूर होती हैं।
21. श्री यंत्र जड़ित नवरत्न धारण करने से से दरिद्रता का नाश होता हैं।
22. दरिद्रता निवारण हेतु आत्मा में अचल श्रद्धा हो, तो दरिद्र मनुष्य भी धनवान हो जाते हैं।
23. कल्पवृक्ष यंत्र के पूजन से दरिद्रता का नाश होता हैं।
24. प्रदोष व्रत करने से शनि से पीडित समस्याए कम होती हैं एवं दरिद्रता का नाश होता हैं।
25. आंगन में तुलसी का पौधा लगा कर उसका पूजन से दरिद्रता दूर होती हैं।
26. पीपल वृक्ष की नित्य तीन बार परिक्रमा करने और जल चढाने पर दरिद्रता का नाश होता हैं।
27. मिष्ठान अकेले नहीं खाकर परिवार एवं मित्र वर्ग में बांट कर खाने से दरिद्रता का नाश होता हैं।
28. पीपल के बने शिवलिंग का पूजन करने से दरिद्रता का निवारण होता हैं।
29. शिव पंचाक्षरी मंत्र (ॐ नमः शिवाय) का जप करने वाले को दरिद्रता नही आती हैं।
30. घर के मुख्य द्वार के उपर अंदर कि ओर गणेश प्रतिमा या चित्र लगाने से घर से दरिद्रता दूर होकर पूनः प्रवश नहीं करती। ( घर के बाहर लगाने से दरिद्रता आति हैं। यदि बहार लगाना हो तो इस प्रकार लगाये जेसे अंदर बाहार दोनो ओर गणेश जी कि दोनो पीठ एक हि स्थान पर मिलती हों।)
31. बुधवार के दिन सफेद कपड़े का झंडा बना के पीपल के वृक्ष पर लगाने से निर्धनता दूर होती हैं।
32. लक्ष्मी जी के समक्ष घी का दीपक लगाने से निर्धनता दूर होती हैं।
33. प्रति शुक्रवार के दिन अशोक वृक्ष के 13 अखंडित पत्ते लाकर शुद्ध जल या गंगाजल से धोकर लाल कपडेसे पोछकर इन 13 पत्तो का मौली (कलावा) से तोरण बनाकर घर के मुख्य द्वार पर लगाने से दरिद्रता एवं शत्रु से मुक्ति मिलती हैं।
नोट: जैसे आत्मबल में श्रद्धा उत्पन्न होते हि कायर व्यक्ति भी शूरवीर हो जाते हैं, प्रमादी एवं आलसी व्यक्ति भी उद्यमी हो जाते हैं, मूर्ख व्यक्ति भी विद्वान हो जाते हैं, रोगी व्यक्ति भी निरोग हो जाते हैं, उसी प्रकार से उचित कर्म करने से दरिद्र व्यक्ति भी धनवान होजाते हैं।
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Article courtesy: GURUTVA JYOTISH Monthly E-Magazine November-2018
लेख सौजन्य: गुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018)
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